पत्तों की चोरी | Patton Ki Chori
- Jui Karhadkar
- Aug 21, 2024
- 1 min read
Updated: Aug 22, 2024

वादे में तुमसे छाँव मांगी थी
जो तुमने मुस्कुरा कर कुर्बान की थी
दिन बीते रतें कटी
फिर अचानक दुर्घटना घटी
सूखी थी तुम्हारी एक एक डाली
और नन्हीं चिडिया का घोसला भी था खाली
दिन दहाडे ऐसी हुई चोरी
की मौसम उचक्कर भागा भी नाहीं!
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